12th Marksheet New Rule: देश की शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव की तैयारी है। 12वीं की फाइनल रिपोर्ट में 9वीं, 10वीं और 11वीं के नतीजे भी जोड़े जा सकते हैं। शिक्षा मंत्रालय को सौंपी गई समतुल्यता रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई है। शिक्षा बोडों को समान स्तर पर लाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के आधार पर एनसीईआरटी में बनाई गई नई संस्था परख ने रिपोर्ट तैयार की है। सिफारिश है कि 9वीं के नतीजों को 15%, 10वीं को 20%, 11वीं को 25% व
परख की सिफारिश है कि सभी बोर्ड पढ़ाए जा रहे हर विषय के लिए एक प्रश्नबैंक विकसित करें। इसके लिए एक ब्लूप्रिंट भी बनाया जाए ताकि बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के शिक्षक ब्लुष्टि व क्वेश्चन बैंक के आधार पर प्रश्नपत्र बना सकें। हर ग्रेड के हर विषय व गतिविधि का क्रेडिट अंकों के रूप में मूल्यांकन हो। एकॉरपोर्ट में उनकी गतिविधि, समय प्रबंधन तक शामिल हो, के क्रेडिट अंक मिलें। करिकुलम के संदर्भ में बोडों को नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के पालन की सिफारिश की गई है।
बोर्ड अधिकतम 3 साल की संबद्धता दें स्कूलों को
- स्कूल एक ही भूखंड में होना चाहिए। इसमें समूचा भवन व खेल का उचित मैदान भी हो। बोर्ड संबद्ध स्कूलों की समय-समय पर समीक्षा करता रहे और इन्हें अधिकतम 3 साल की अवधि के लिए संबद्धता या मान्यता दी जानी चाहिए।
- कुछ प्रदेशों में शिक्षा निदेशालय स्कूलों को मान्यता व संबद्धता देता है, यह अधिकार स्कूल बोर्ड को मिलना चाहिए।
- बोर्ड परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए एक तंत्र विकसित करने की सिफारिश भी की गई है, परीक्षा के पेपर संभालने के लिए प्रोटोकॉल बनाया जाए। स्कूलोंमें न्यूनतम बुनियादी ढांचे के संदर्भ में सिफारिश की गई है।
10वीं व 12वीं के दो रिपोर्ट कार्ड बनें, 10वीं में 9वीं का 40% तक वेटेज हो
परख ने अपनी सिफर्डरशों को लेकर देशभर के बोडों के साथ वर्कशॉप भी किए हैं। इसमें कुछ बोडों ने कहा है कि संयुक्त रिपोर्ट कार्ड का आइडिया अच्छा है, लेकिन इसे 9वीं से 12वीं तक एक न रखा जाए। बल्कि 10वीं और 12वीं के दो रिपोर्ट कार्ड बमें, जिसमें 10वीं के रिपोर्ट कार्ड में 9वीं को 40% और 10वीं को 60% वेटेज मिले। इसी तरह 12वीं की फाइनल रिपोर्ट कार्ड में 11वीं को 40% और 12वीं की 60% का वेटेज दिया जाए।
देश में कुल 69 शिक्षा बोर्ड हैं, कहां कितनी सिफारिशें लागू
रिपोर्ट के मुताबिक, परख ही सभी बोर्ड्स में इन सिफारिशों को लागू किए जानेपर निगरानी रखेगा देश में सेंट्रल, स्टेट, ओपन स्कूल, मदरसा और संस्कृत बोर्ड मिलाकर कुल 69 शिक्षा बोर्ड हैं। ये करिकुलम, परीक्षा ढांचे व कार्यप्रणालियों के आधार पर एक-दूसरे से अलग हैं, इस वजह से कुछ बोर्ड बेहतर माने जाते हैं।